Monday 6 January 2020

रण

रण है रण है रण है रण है
जीवनभर  ये क्षण क्षण है
सो ना मत तुम बेखबर यू
मौत का ये मार्ग क्रमण है
सोए नही है शत्रु शिबीर वो
सो तुम कैसे  सकते हो
वो बना रहे  षड्यंत्र विरुद्ध
तुम शस्त्र कैसे रख सकते हो
अचल पर्वत सी सेना उनकी
सीने मे बारुद भरो तुम
आग लगाकर चल रहे ओ
पानी बनकर उनपे गिरो तुम
चाल समझ लो चाल समझ लो
चौका दो भ्रमित कर आज उन्हे
काट के आवो मत्त आस्थिया 
और घेर  डूबाओ आज उन्हे
राज तंत्र है राज तंत्र है 
चाले अपनी संभाल रखो
वक्त सही  और मौके पे
फिर सुलतानढवा करो
बचती नही है सोई दिवारे 
ना बचते सोए खंदक है
बच सकते ना गिरीदुर्ग वहा
ना सोए लक्षतम सैनिक है
तुम्हे जागना होगा वीरो
कुछ रातो कि कुर्बानी है
यह देश है अंदर से खतरे मे
फिर घर मे ही कुछ द्रोही है 
ढूंढ निकालो ढूंढ निकालो
और फिर  सुधारो उन्हे 
यह युद्ध रात को थमा नही
मौका मिला है मारो उन्हे
लाख शत्रु का भय किसे है
धोका पाले भूजंगो का
समशेरे देंगी साथ सदा और
है भय छुपी सुरंगो का 


baaji

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