रण है रण है रण है रण है
जीवनभर ये क्षण क्षण है
सो ना मत तुम बेखबर यू
मौत का ये मार्ग क्रमण है
सोए नही है शत्रु शिबीर वो
सो तुम कैसे सकते हो
वो बना रहे षड्यंत्र विरुद्ध
तुम शस्त्र कैसे रख सकते हो
अचल पर्वत सी सेना उनकी
सीने मे बारुद भरो तुम
आग लगाकर चल रहे ओ
पानी बनकर उनपे गिरो तुम
चाल समझ लो चाल समझ लो
चौका दो भ्रमित कर आज उन्हे
काट के आवो मत्त आस्थिया
और घेर डूबाओ आज उन्हे
राज तंत्र है राज तंत्र है
चाले अपनी संभाल रखो
वक्त सही और मौके पे
फिर सुलतानढवा करो
बचती नही है सोई दिवारे
ना बचते सोए खंदक है
बच सकते ना गिरीदुर्ग वहा
ना सोए लक्षतम सैनिक है
तुम्हे जागना होगा वीरो
कुछ रातो कि कुर्बानी है
यह देश है अंदर से खतरे मे
फिर घर मे ही कुछ द्रोही है
ढूंढ निकालो ढूंढ निकालो
और फिर सुधारो उन्हे
यह युद्ध रात को थमा नही
मौका मिला है मारो उन्हे
लाख शत्रु का भय किसे है
धोका पाले भूजंगो का
समशेरे देंगी साथ सदा और
है भय छुपी सुरंगो का
baaji
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