इक और से मै चाहु तुझे
इक और से तु चाहे मुझे
इक और बसा है यह दिल
कही और यह दिल धडके
कही और गिरे सावन की बारिश
भिगे कही और यह तन जलमे
भिगे कही और तन फिर क्यु
जलता है दिल उसकी याद मे
बाजी
प्रलयलोटला सागर उठला खणाणल्या समशेरी महाभारतासम रण दिसले कुरुक्षेत्राची भुमी भाऊ सदाशिव रणात तांडव काळाग्निसम करीत भिडले शिंद्याचे रण भैरव ...
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