जखम जखमपर देते जाना
अब
आदत तुम्हारी बनी हुयी है
अनुज समझ के माफ करने की
फितरत हमारी छुटी है
छोड दिया था उस घोरी को
दिल्लीपती चौहानने
बहलोल को छोड के मिट गये
प्रतापराव जवानी मे
हो गयी थी इतीहास मे ....
....कुछ गलतीया हमारी भी ...
क्या बार बार दोहराये इनको ...
..
.....
क्या सिख मिली इतिहास की.....
.......
....बाजी©
अब
आदत तुम्हारी बनी हुयी है
अनुज समझ के माफ करने की
फितरत हमारी छुटी है
छोड दिया था उस घोरी को
दिल्लीपती चौहानने
बहलोल को छोड के मिट गये
प्रतापराव जवानी मे
हो गयी थी इतीहास मे ....
....कुछ गलतीया हमारी भी ...
क्या बार बार दोहराये इनको ...
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क्या सिख मिली इतिहास की.....
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....बाजी©
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