झुकी नजरोसे देखा उन्हे तो
क्या बताऊ ऐसी बहार आयी
छोड पुनम को उतर दिल मे चाँदरात आयी
न हुयी नजरोसे गुफ्तगु फिर भी
होठो पे दिल की बात आयी
उठी पलके जब उनकी हमारी तरफ
तो मचलकर दिल मे इश्क की फुहार आयी .
झुकी नजरोसे देखा उन्होने
तो क्या बहार आयी
न हुयी गुफ्तगु नजरसे फिर
भी दिलमे इशक की फुहार आयी
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