तुम ना जान पावोगे हद ऐ दिवानगि
आजमाइश कर हद ए इश्क की
सीना चीर कर देखने का ख्वाब देख रही हो
वहा तो तु खुद का नाम ही पाओगी
इम्तेहा की इस रस्म मे तुम बडी पछताओगी
मार के तेरे आशिक को तु भी जालीम
कौनसी मोहब्बत पाओगीgg
प्रलयलोटला सागर उठला खणाणल्या समशेरी महाभारतासम रण दिसले कुरुक्षेत्राची भुमी भाऊ सदाशिव रणात तांडव काळाग्निसम करीत भिडले शिंद्याचे रण भैरव ...
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