Tuesday 30 May 2017

अल्फाज ए धडकन

इस गलतफहमी ना रह की हम भुल ना पायेंगे तुझे
पथ्थर भी नरम हो जाते हे समय से लडते हूये

जालीमो भरी दुनिया मे इन्सानसे वफा उम्मीद ना कर
कभी जानवरो से लगाव कर वफा की बखान जानोगे

डरता था दिल कि किसी पर उतर नाआये यु ही
क्युकी
कातील फितरत जानताथा  बे वफा की

आहेस काय नाहीस फरक तो कसला जीवनी
जीव रमावा असे का नाहीच त्रीभुवनी?
तुच काय ती चंद्रीका की मदनिका स्वर्गाची
गरज काय तुझी स्वच्छंद मस्त या जीवनी

: रम्य पहाटे जशी शुक्राची तारका तु संगिणी
मुग्ध जाहलो पाहत तुजला भान स्वये विसरुनी
बोलत होतीस तु मी ऐकत होतो गुंग शुन्यातुनी
समय कसा का स्तब्ध जाहला जगास विसरुनी

     दिल के राज कभी छिप नही सकते
  बनकर धडकन सुनाई तो देंगे
भरोसे का मजाक बनानेवाले
    कभी तो संजीदा होंगे
दिलग्गी हारना तो आमबात होती है
जिंदगी मे दिल्लगी अपनी जगह होती है

अल्फाजो मे रह गया प्यार ये न समज तु
क्युकी टुटे दिल के अल्फाजो से ही तो
मुहब्बत की शायरीया होती है !

बाजी©

मर कर तुझपे बरबादी होगी ये क्या हम कभी जानते थे ?
सौदेबाजी मे दिल की हारना क्या हम कभी जानते थे?
वैसे तो  कभी हारने की फितरत न थी हमारी
जब नजर ए मिलाफ हुआ तो हारने कि वजह मिल गयी

ये रास्ते जहाँ के मिलतै हो जहा क्या मिल पायेंगे हम वहा
दुर क्षितिज की रेखाओ से लिख सकेगे दास्तान
लब्जो का खेल नही है मनगढंत की बाते नही है
आपके खामोशी ने तो सारी बाते बया हुयी है

मोहब्बत की है तो चाहे अब तुफान आजाये
हमारी भरी जिंदगी मे चाहे सैलाब आ जाये
दम आगया इन धडकनो तेरे साथ होनेसे
अब मेरे खिलाफ शैतान तो क्या भगवान आ जाये

होंगे जुदा जानते थे फिर भी दिल्लगी की थी हमने
गिर जायेगी दिवार ख्वाबोकी जानते थे
     फिरभी....
सुख जायेगा खुशीका तालाब जानते थे
     फिर भी......
जितेजी हमे मौत मिलेगी जानते थे
    फिर भी दिल्लगी कि थी हमने

नाम लेता है तेरा  कतरा भी खुन का मेरे
सांस ढुंढती है गंध मोजुदीकी तेरे
आंखे ढुंढते है हर वक्त शबाब ऐ हुस्न तेरा
दिल धडकता है हरपल यादो मे तेरे

अपनी हो तुम कहता है दिल पर समझ नही पाते हम कभी
नाम लिया जो तुने किसी का जल उठता है मन कभी
क्या हलचल है नही जानते हम क्या तुम जान गयी हो
मोहब्बत कहते है लोग जिसे क्या तुम हमसे कर रहे हो

बाजी©

जमाने कि फितरत जानते है
युही हम मजाकिया नही रहते
हसकर दुनिया को बताते कुछ और है
अक्सर दबाते दिल मै दर्द कुछ और है
बाजी©

खुंखार कहते हो हमे कभी दिल मे झाक कर देख लेना
बिनफूलोवाले चंदन की अंदर की सुगंध को पहचान लेना

बाजी

एक बार तुटे तो शिशा जोड नही सकते
तुटे हुये दिल को और तोड नही सकते
मुहब्बत की है आपसे क्या लगा
चाहे सालो बीत जाये
हम आपको भुल तो नही सकते

बाजी

खामोश रहे हम कुछ दिनो देखना चाहते थे
क्या किमत है दिलमे हमारी
कहना चाहते थे दिल की बात
आपकी खामोशीया सब बयाँ कर गयी

नफरत न कर हमसे इतनी की
हम दिल से तुट जाये
छोड दे जाहील अगर शिकवा है दिलमे
इससे पहले की हम मर जाये

अजिब दास्ताँ है हमारी ,
  दिल धडकता है पर एहसास नही है
  दर्द है जिंदगी मे पर चेहरे पर मुस्कान रही है

तुझे याद न करु ऐसा पल नही
तु नही जिसमे ऐसा खयाल नही
चांद चांद साथ न हो वो रात रात नही
वह मुहब्बत ही क्या जिसमे इंतजार नही

मेरा खोया हर खयाल तु है
मन मे खुशी की बरसात तु है
भले ही आपको हमसे मुहब्बत नही
पर मेरे जिंदगी की अमानत तु है
बाजी©

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