Tuesday, 10 April 2018

अल्फाज ए धडकन series . दुनिया...

बहुत जादा महंगे होंगे वह पल हमारे
ऐ दोस्त
कितना भी कमाऊ खरिद नही पावुंगा
©baaji_pandav

इस दिल की गहराई
नापने पैमानो की जरुरत कैसी
जरुरत बस अम्लान नजर की है
साफ दिल सब युही बया कर देगा
बाजी©

झुठ के मुखौटे पहने है सब
न जाने क्यु हमे पहनाना
चाहते है
जानते  है हमारी फितरत कुछ
और है
फिर क्यु हमारी शख्सीयत
बदलना चाहते है

बाजी©

कहने को दोस्त बहुत है
मानने को रिश्ते बहुत है
सच  झुठ की  दुनिया मे
कैसे पहचानु
एकपर यहा मुखौटे बहुत है

बाजी©

देख पगली यह दुनिया गोल है
जिस जगह आज मै हु कल कोई और है
मरोडकर किसी दिल को न कर
गुरुर अपने शबाब ए हुस्न का
इस गम ए मोहबत के  गर्दीश मे
इस जगह आज मै हु जरुर कल तु है

बाजी©

हररात चर्चे चाँद के
जरुर हो सकते है
छोटे सितारो की चमक
को लोग नजरअंदाज
कर सकते है
फिर भी हम मश्गुल रहैंगे
अपने ही धुंद मे
किराये की रोशनी पे
चांद के और कितने दिन
चल सकते है !

बाजी©

गलत तो थे हम
न थे उसुल कभी
गरिब तो थे हम
न था यह मन कभी
बद्शक्ल है सुरत
न है  दिल कभी
मोहब्बत थी रुहसे
न थी जिस्म से कभी

©baaji_pandav

गलत तेरी सोच थी..

मै मोहब्बत कहता था
तु जिस्म मे
उलझ जाती थी !
©baaji_pandav

ठुकराकर किसी चीज को
यु अनदेखा कर छोडना नही
आँखोसे एकबार देखना जरुर
ठुकरानेपर कही वह टुटा तो नही .....

©baaji_pandav

कुछ वह जमाना भी था जो गुजर गया
वह लेकर साथ वक्त और उसुल गया
करता नही कोई बीनपैसे के यहा अब दोस्ती
औकात दोस्तीका पहला पैगाम बन गया
©baaji_pandav

नही खरिद सकता यहा दोस्ती मै
इस शहर मे अकेला ही ठिक हु
जाहीर सी बात है यह ए जमाने
मै यहा उतना अमिर नही हु
©baaji_pandav

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