Tuesday 10 April 2018

अल्फाज ए धडकन मोहब्बत ए वतन

फितरत ए सरहद बडी कातीलाना है
शायद बडी खुबसुरत हसिना है
©baaji_pandav

बहुत खुबसुरत होती है वह सफर
जिसमे साथ सिरफ
जज्बात ए दिल का होता है

बहुत खुशनुमॉ है वह जिंदगी जिसमे
खयाल बस हिंद का होता है

फर्ज ए रिश्ते निभा लेता है
हर कोई यहा लोगोसे
खुशनसिब बस तिरंगे मे लिपट कर
मा का ऋण
चुकानेवाला होता है

बाजी©

न मदीरा मे उतनी नशा है
न मदीराक्षी के रुप मे
जो न उतरती कभी वह सिर्फ
वतन ए मोहब्बत की नशा है

बाजी©

हम हिंद के गाझी है
वतनपर मिटने को राजी है
कोई रिश्ता नही उंचा इक
देशधरम से उपर
शत्रुंजय हम बाजी है

बाजी©

फिर गुंजेगी खनककर
समशेर हमारी
फिर होगा तांडव  रण मे इक
बार हमारा
हम हिंदु है अघोर रणप्रचंड
रुद्र के
फिर होगा अखंड हिंदुराष्ट्र हमारा
बाजी©

रो रही है धरती याद मे अपने बेटो की
     मिट गये जो  देशधरम पर वही
............सुखदेवभगत सिंग की
समय न हुआ थोडा अब तो
.... ...भुल गये है हम इनको
त्याग सिख ना पाये इनसे
          क्यो कहते है  वंशज इनकी।।
#बाजी

तुजसाठी मरुन पुन्हा तारका पुंज होईन
तेजाने अल्पशा माते अगणित पिढ्या घडविण
नाही अन्य मनिषा आज मम हृदयांतरी
फडकत राहो विजयध्वज उंच मेरुशिखरी

वंदे मातरम !

लीन थे हम दंगो मै
कोई रो कर सुबक रहा था
लडते पुत्रोको देख यहा
माँ का दिल तुट रहा था

समय नही था किसी को
सिसकारे उसकी सुननेका
बहते पवित्र मा के आसु
अपने हात से पोछने का

भुल गये क्या हम इतने मे
कैसे स्वतंत्र्यता हमने पाई थी
खुन बहा कर कैसे विरोने
एकता राष्ट्र मे लाई थी

बाजी©

..जाग उठा था हिंदुराष्ट्र
जुल्म सह के सालोसाल
सहीष्णुता की विफलता को
.......वह समझा था सालोबाद
आत्मघात है यह धरम के लिये
......... राख्यो रे थोडी लाज
हिंदुस्थान हमारा है
.........हर हिंदु था भाई आज
आयोद्ध्यामे बसा प्रभु
,,......देख रहा था राह आज
इतीहास बदला रे हमने
.......आज सहीष्णुता छोड ही दी
औकात भुल गये थे कुत्ते
........ लाथ मारणा जरुरी था
बाबरी ढह गयी थी
.......आज अयोध्या मुक्त हुई
.हिंदु नाम पर एक हुये हम
.......... इतीहास था बनाया आज......
#बाजी

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